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Vital news : किस देश के पास सबसे ख़तरनाक लड़ाकू विमान है। भारत के पास कौन कौन लड़ाकू विमान है। आइए जानते है पूरे विस्तार से।

 किस देश के पास सबसे ख़तरनाक लड़ाकू विमान है।  भारत के पास कौन कौन लड़ाकू विमान है। आइए जानते है पूरे विस्तार से।  

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नई दिल्ली

 किसी भी युद्ध में जीत पाने के लिए उसकी नौसेना का बहुत महत्व होता है और दुश्मनों को धूल चटाने के लिए सेना के पास बेहतर फाइटर प्लेन होना बहुत जरूरी होता है। एक अच्छे लड़ाकू विमान से ही कोई भी देश दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम कर सकता है। लड़ाकू विमानों के इसी महत्व को चीन बेखूबी अपना रहा है। वो एक के बाद एक देश के हर कोने में अपने फाइटर प्लेन तैनात कर रहा है। हाल ही में उसने तिब्बत में जियान जेएच-7 फाइटर बॉम्‍बर्स, चेंगदू जे-10 मल्‍टी रोल फाइटर जेट और जे-11 एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट्स का अभ्यास किया है। जानें ऐसे ही दुनिया के खतरनाक लड़ाकू विमानों के बारे में...

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एफ 35-लाइटनिंग लड़ाकू विमान

यह एक अमरीकी फाइटर प्लेन है। अमरीका ने इसे रैप्टर फाइटर प्लेन की अगली पीढ़ी के तौर पर विकसित किया है। मौजूदा समय में एफ 35-लाइटनिंग दुनिया के सबसे खतरनाक और ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक है। ये पूरी तरह से स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस विमान की खासियत है कि यह दुनिया के किसी भी कोने में बिना किसी रुकावट के लगातार हमला कर सकता है। इसके अलावा यह प्लेन एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। दुनिया का यह इकलौता ऐसा लडाकू विमान है जिससे किसी देश पर अपना वर्चस्व अपनाया जा सकता है।  

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टी-50 सुखोई पीएके-एफए

यह फाइटर प्लेन दुनिया के सबसे स्मार्ट लड़ाकू विमानों में से सबसे अलग है।  क्योंकि इस विमान में किसी भी देश के राडार में न आने की क्षमता है। इसकी इस खूबी के चलते किसी भी दुशमन देश को चकमा दिया जा सकता है। इस विमान को फाइटर प्लेन्स की पांचवी पीढ़ी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यह विमान केवल भारत और रूस के पास है।

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एफ-22 रैप्टर (लॉकहीड मॉर्टिन)

यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली और महंगे विमानों में शुमार है। यह लड़ाकू विमान इतना खतरनाक है कि यह पल भर में दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकता है। यह किसी भी देश के राडार में भी नहीं आता है। यह एक अमरीकी विमान है। पहले अमरीका कई अन्य देशों को इसे बेचता था, लेकिन अब अमरीका ने इस पर रोक लगा दी है।

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यूरोफाइटर टाइफून को यूरोपीय यूनियन

इस लडाकू विमान को जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और स्पेन ने मिलकर विकसित किया है। इसलिए इस विमान को यूरोपीय यूनियन भी कहा जाता है। यह एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है। जो हथियार ले जाने, दुश्मनों पर वार करने, दुश्मन देशों को चकमा देने आदि कार्य करता है। इस विमान में खुद का राडार सिस्टम है। इस फाइटर प्लेन का इस्तेमाल युद्धों में ही किया जाता है।

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मैक्डोनेल डगलस एफ-15 स्ट्राइक ईगल

यह दुनिया का बहुत तेज वार करने वाला फाइटर प्लेन है। यह एक अमरीकी लड़ाकू विमान है। जो कि चौथी पीढ़ी के फाइटर प्लेनों का अहम हिस्सा रह चुका है। यह फाइटर प्लेन बहुत शक्तिशाली है। इसी के जरिए अमरीका ने सद्दाम हुसैन की अगुवाई वाली इराकी सेना पर हमला किया था और पूरी इराकी वायुसेना को तहस—नहस कर दिया था।

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तेजस


फाइटर प्लेनों की लिस्ट में भारत का लड़ाकू विमान तेजस भी काफी आगे है। यह पांचवी पीढ़ी के विमानों के तौर पर विकसित किया गया है। इसकी खासियत है कि यह विमान खराब मौसम में भी उडान भर सकता है। यह महज 15 मिनट में ही पाकिस्तान पहुंचकर उसे पूरी तरह से तबाह कर सकता है। यह वजन में काफी हल्का है और इसी के चलते यह विमान बहुत जल्द दुश्मन देश के इलाके में घुस जाता है।

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सी हारियर

इस विमान को ब्रिटिशर्स के लिए बनाया गया था। यह तीसरी पीढ़ी के फाइटर प्लेनों का एक अहम हिस्सा रह चुका है। ये समुद्र से जमीन पर वार करने में सक्षम है। इसमें हथियार भी ले जा सकते हैं। इस फाइटर प्लेन के दम पर ही ब्रिटेन ने फॉकलैंड युद्ध, दोनों खाड़ी युद्धों और बाल्कन तनाव के समय भी हमला किया था। इस विमान को ब्रिटिशरों के अलावा भारत भी इस्तेमाल कर चुका है।

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डसाल्ट रॉफेल

यह प्लेन फ्रांस सेना का एक अहम हिस्सा है। यह काफी आधुनिक तकनीक से बना है। इसमें परमाणु हमला करने की भी क्षमता है। इसका खुद का रडार सिस्टम है। इसी के जरिए यह दुशमन टीम का पता लगाता है। यह तीन श्रेणियों— सिंगल सीटर (जमीनी हमले के लिए), डबल सीटर (जमीन से हमले के लिए) और राफेल एम (सिंगल सीटर) नौसेना के लिए, उपलब्ध है। अब इसे भारत में भी विकसित किया जा रहा है।

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ग्रिपेन

यह फाइटर प्लेन स्वीडन का है। यह दुनिया के सबसे ताकतवार लडाकू विमानों में से एक है। यह कई आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। ये विमान दुनिया में सबसे तेज (मैक-2 स्पीड-सुपरसोनिक) से हमला करती है, तो बेहद छोटे (25 मीटर) की पट्टी पर भी लैंड करने में सक्षम है। इसकी खासियत इसका किफायती होना है। इस विमान के रखरखाव का खर्च काफी कम होता है।

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चेंगदू जे10

यह लडाकू विमान चीन का है। यह प्लेन पाकिस्तान के पास भी है। जिसका नाम थंडर है। चेंगदू की खूबी है कि यह किसी भी मौसम में तेजी से हमला कर सकता है। इसमें लेजर गाइडेड बमों के साथ ही सेटेलाइट गाइडेड बम के उपयोग की भी क्षमता है। इसके चलते इसकी मारक क्षमता बहुत तेज है। ये एक बार की उड़ान में कई ठिकानों पर बमबारी में सक्षम है।

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अब भारत के पास भी एक बहुत बड़ा और ख़तरनाक लड़ाकू विमान है इसके बारे में मै पहले से एक आर्टिकल लिख चुका हूं तो पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

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