Ticker

6/recent/ticker-posts

Chemistry: full chapter- कार्बन और इसके यौगिक , क्लास 10th

 कार्बन के अपरूप (Allotropes of Carbon )

प्रकृति में कार्बन कई रूपों में पाया जाता है।  हीरा तथा ग्रैफाईट कार्बन की अप्ररूपी अवस्था है जिनके कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था में भिन्नता होती है, अतः इनके भौतिक गुणों में अंतर पाया जाता है।  

        हीरा में कार्बन परमाणु त्रिविमीय संरचना (three dimensional structure) के रूप में सजे होते है।  जिनमे प्रत्येक कार्बन चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधन द्वारा जुड़े होते है।  

यह सहसंयोजक बंधन हीरे कि संरचना को काफी मजबूती प्रदान करता है।  जिससे हीरा कठोर हो जाता है।  गरैफाईट में प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणु से एक तल में सहसंयोजक बंधन द्वारा जुड़कर शतकोनिय वलय बनता है , जो परतो में व्यवस्थित होती है।  अतः इस परत के प्रत्येक कार्बन परमाणु का तीन  

इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधन के निर्माण में लग जाते है।  तथा चौथा इलेक्ट्रॉन मुक्त होता है।  जो एक कार्बन परमाणु से दूसरे कार्बन परमाणु तक गमन कर सकता है। जिसके फलस्वरूप ग्र्इफाईट उस्मा व विद्युत का सुचालक हो जाता है कार्बन परमाणुओं की यह  परत अन्य दो परत के साथ दुर्बल वान डर वॉल्स आकर्षक बलो द्वारा जुड़ी 

होती है। तथा ये एक दूसरे के ऊपर फिसल सकती है।  इसी कारण ग्राईफाईट मुलायम और चिकना होता है 

फूलेरिन कार्बन का एक अन्य शुध्वतम अप्रारूप है।  जो बढ़ी संख्या में कार्बन परमाणुओं के संयोजित होने से बनता है।  C60 में फुलेरिन में 60 कार्बन परमाणु होते है।  तथा इसकी आकृति फुटबॉल की भांति होती है। 

इसकी संरचना बकमिस्तर नामक एक अमेरिकी शिल्पकार द्वारा निर्मित जियोडिक गोलाकार गुंबज के सदृश है।  अतः इसे बकामिस्तर कहा जाता है।  ऐसे प्रायः बिक्कीबॉल (buckball) भी कहते है।  

Post a Comment

0 Comments